मानव की सेवा धर्म बने लगा सकूँ दीनन को गले, द्वार से खाली जाए न कोई दे प्यार का अमिट भंडार मुझे। मानव की सेवा धर्म बने लगा सकूँ दीनन को गले, द्वार से खाली जाए न कोई दे प्यार ...
इस दीपावली दीप मेरे तुम बस इतना सा काम करो। इस दीपावली दीप मेरे तुम बस इतना सा काम करो।
हे काली मांँ हमारे संकट हरो इस वायरस से सभी को मुक्ति दो। हे काली मांँ हमारे संकट हरो इस वायरस से सभी को मुक्ति दो।
माँ शारदे तुझको नमन है ज्ञान से अज्ञान हम हैं। माँ शारदे तुझको नमन है ज्ञान से अज्ञान हम हैं।
विधा देते ज्ञान गुरु जी हर लेते अज्ञान गुरु जी! विधा देते ज्ञान गुरु जी हर लेते अज्ञान गुरु जी!
नारी तो सतरूपा है ज्ञान का रूप दूजा है नारी तो सतरूपा है ज्ञान का रूप दूजा है